प्रथम दृष्टि प्रथम स्वर
आज मैंने
आसाम की गारो पहाड़ियों के विहँगों को
जैसलमेर की मरुभूमि में देखे
और देखा !
फूलों की घाटी में कैक्टस का नृत्य
अमराई में
उगते हुये कीकर के पौधे
आज सुना मैंने
कोकिल का करुण स्वर
कामाख्या देवी के मंदिर में
मिमियाते हुये मेमनों का क्रन्दन
जिनका मॉस
किलो के भाव बिक रहा था
पहाड़ी के नीचे नगर की वीथियों पर
कुछ देखने , कुछ सुनने का
आज मेरा पहला दिन था ../
.........राजीव " सांकृत्यायन"
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