Saturday, September 19, 2015

प्रथम दृष्टि प्रथम स्वर

आज मैंने
आसाम की गारो पहाड़ियों के विहँगों को
जैसलमेर की मरुभूमि में देखे
और देखा !

फूलों की घाटी में कैक्टस का नृत्य

अमराई में
उगते हुये कीकर  के पौधे
आज सुना मैंने
कोकिल का करुण स्वर

कामाख्या देवी के मंदिर में
मिमियाते हुये मेमनों का क्रन्दन
जिनका मॉस
किलो के भाव बिक रहा था
पहाड़ी के नीचे नगर की वीथियों पर

कुछ देखने , कुछ सुनने का

आज मेरा पहला दिन था  ../

                                                                                           .........राजीव " सांकृत्यायन"

No comments: